संस्कृत शिक्षण

प्रिय वाक्यम् प्रदानेन तुष्यन्ति सर्वे (जन्तवः)।
तस्मात् तदैव वक्तवयम् वचने का दरिद्रता ।।

मीठी और प्रिय वाणी बोलने से सभी जीव-जन्तु और पशु-पक्षी प्रसन्न होते हैं अतः हमें भी वैसे ही प्रिय और मीठी वाणी बोलनी चाहिए वचनों में किस प्रकार की दरिद्रता

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