संस्कृत शिक्षण को जनवरी 07, 2017 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप प्रिय वाक्यम् प्रदानेन तुष्यन्ति सर्वे (जन्तवः)। तस्मात् तदैव वक्तवयम् वचने का दरिद्रता ।। मीठी और प्रिय वाणी बोलने से सभी जीव-जन्तु और पशु-पक्षी प्रसन्न होते हैं अतः हमें भी वैसे ही प्रिय और मीठी वाणी बोलनी चाहिए वचनों में किस प्रकार की दरिद्रता टिप्पणियाँ Shivdutt Vyas8 जनवरी 2017 को 3:10 am बजेइसे पढकर अपने जीवन में शामिल करने का प्रयास करें। जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
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